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चीन से झड़प के बाद प्रधानमंत्री का पहला बयान

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नई दिल्ली। भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़प के करीब 36 घंटे बाद सरकार की ओर से बयान आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 मिनट 12 सेकंड में करीब 303 शब्द बोले। उन्होंने कहा, जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। देश की संप्रभुता सर्वोच्च है। देश की सुरक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता। इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, भारत शांति चाहता है, लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम में है। हमारे दिवंगत शहीद वीर जवानों के विषय में देश को इस बात का गर्व होगा कि वे मारते-मारते मरे हैं। मेरा आप सभी से, सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह है कि हम खड़े होकर दो मिनट मौन रखकर इन वीर सपूतों को पहले श्रद्धांजलि देंगे। फिर मीटिंग को आगे बढ़ाएंगे।

इस बलिदान को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता- अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- मैं उन परिवारों को नमन करता हूं जिन्होंने देश की सेना को ऐसे वीर सपूत दिए। इस शहादत के लिए भारत हमेशा सैनिकों का आभारी रहेगा। चीन-भारत सीमा पर शहीद हुए जवानों के परिवारों के साथ मोदी सरकार और पूरा देश खड़ा है।
अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए जान गंवाने वाले वीरों के बलिदान को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। पूरा राष्ट्र हमारे अमर वीरों को नमन करता है, जिन्होंने भारत की मिट्टी की रक्षा करते हुए खुद को बलिदान कर दिया।

राष्ट्रपति ने कहा- सैनिकों ने वीरता का प्रदर्शन किया

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि लद्दाख की गलवान घाटी में अपना जीवन खोने वाले सभी जवानों ने भारतीय सेना की परंपरा को बरकरार रखा है। उनकी वीरता देश की यादों में हमेशा रहेगी। उनके परिवारों के लिए मेरी गहरी संवेदना है।

प्रधानमंत्री ने 19 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि गलवान में सैनिकों को खोना बेहद परेशान करने वाला और दर्दनाक है। हमारे सैनिकों ने साहस और वीरता का प्रदर्शन किया और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपरा को निभाते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया। राष्ट्र उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।

राजनाथ ने कहा- हमारे सैनिकों की बहादुरी और साहस पर गर्व

राजनाथ ने कहा कि मेरी संवेदनाएं जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों के साथ हैं। राष्ट्र इस कठिन समय में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हमें भारत के सैनिकों की बहादुरी और साहस पर गर्व है।

सोमवार रात हुई थी हिंसक झड़प
15-16 जून की दरमियानी रात लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गलवान वैली भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई। यह हमला पत्थरों, लाठियों और धारदार चीजों से किया गया। भारत के कमांडिंग अफसर समेत 20 जवान शहीद हो गए, 135 जख्मी है। 4 की हालत गंभीर है।

चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए
न्यूज एजेंसी ने बुधवार को सूत्रों के हवाले से कहा कि चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं, जिनमें यूनिट का कमांडिंग अफसर भी शामिल है। यह अफसर उसी चीनी यूनिट का था, जिसने भारतीय जवानों के साथ हिंसक झड़प की।

चीन के खिलाफ देशभर में गुस्सा

गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों में हुई झड़प के बाद चीन के विरोध में देशभर में गुस्सा है। दिल्ली, अहमदाबाद, कश्मीर, वाराणसी में उसके खिलाफ प्रदर्शन किए गए हैं।