लखनऊ। आगामी एक जुलाई को देवशयनी एकादशी के अवसर पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए भूमि पूजन का अनुष्ठान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बजाए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा होने के आसार बन रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली सहित देश के कुछ हिस्सों में कोरोना संकट के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अयोध्या आने के आसार अब बहुत कम हो चले हैं।
जो नई कार्ययोजना सामने आ रही है उसके मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली में एक शिला का प्रतीकात्मक पूजन कर उसे रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र को सौंपेंगे और मिश्र उस शिला को लेकर अयोध्या आएंगे जहां वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ भूमि पूजन के अनुष्ठान में शामिल होंगे। तैयारी कुछ इस तरह की है कि इस पूरे आयोजन की वीडियो कान्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली से जुड़ सकते हैं।
इस तरह से देखा जाए तो 25 मार्च को राम जन्मभूमि से रामलला को अस्थायी मंदिर में स्थानांतरित करने के बाद अब दूसरी बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का अवसर भी मिल रहा है। प्रदेश शासन में पर्यटन, सिंचाई, लोनिवि, विद्युत विभाग की कई परियोजनाएं जो अयोध्या में लगभग पूरी हो चुकी हैं इस अवसर पर उनका लोकार्पण भी हो सकता है।
इसके साथ ही अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय और रामकथा पर आधारित वर्चुअल म्युजियम, तुलसी स्मारक भवन आदि के निर्माण की शुरूआत भी हो सकती है। जिन पूरी हो रही योजनाओं का लोकार्पण करवाने की तैयारी है, उनमें 133 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे रामायण सर्किट, भजन स्थल, दिगम्बर अखाड़ा में संत निवास, पंचकोसी परिक्रमा पथ का चौड़ीकरण, वहां 100 शौचालयों और विश्राम स्थल का निर्माण, राजकीय निर्माण निगम द्वारा करवाया जा रहा कोरिया पार्क का सुन्दरीकरण, गुप्तार घाट और लक्ष्मण घाट का विस्तार, राम की पैड़ी का सुन्दरीकरण व री-माडलिंग आदि का काम शामिल है।