शहरी इलाकों में पट्टा वितरण का अभियान चलाएं
रायपुर। राज्य में राजस्व के मामलों के पंजीयन से लेकर उनके निराकरण तक की स्थिति में तत्तपरता एवं पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से आगामी एक अक्टूबर से राजस्व ई-कोर्ट प्रणाली अनिवार्य रूप से लागू की जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों को आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। राज्य में एक अक्टूबर 2020 से राज्य में ई कोर्ट के दस्तावेज ही मान्य होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 7500 वर्ग फीट तक की नजूल भूमि के आबंटन तथा 5000 वर्ग फीट तक के डायवर्सन के मामलों को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के दायरे में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत शहरी इलाकों में पट्टा वितरण की स्थिति की समीक्षा करते हुए कलेक्टरों को पात्र हितग्राहियों को अभियान संचालित कर भू-स्वामी अधिकार दिए जाने की कार्रवाई के निर्देश दिए। बैठक में जानकारी दी गई कि राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत अब तक एक लाख 19 हजार आवेदन मिले हैं जिसमें से 26 हजार आवेदन स्वीकृत किए है। 1984 में वितरित पट्टों का नवीनीकरण तथा भूमि स्वामी अधिकार प्रदान करने के संबंध में कलेक्टरों को तत्परता से कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
बैठक में प्रत्येक जिले में दस-दस छात्रावासों को मॉडल बनाने के संबंध में कलेक्टरों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। मुख्य सचिव आर पी. मंडल ने कहा कि चिन्हांकित छात्रावासों में स्वच्छ पेयजल और शौचालय एवं खेल-मैदान सहित अन्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रत्येक जिले को 25-25 लाख रूपए का आबंटन दिया गया है। उन्होंने कलेक्टरों को इस कार्य को प्राथमिकता से पूर्ण कराने के निर्देश दिए। आवश्यकतानुसार सीएसआर एवं डीएमएफ फंड से भी छात्रावासों की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक राशि का उपयोग किया जा सकेगा। कलेक्टरों को कहा गया कि सभी आश्रमों एवं छात्रावासों में लगने वाली दैनिक उपयोग की सामग्री की पूर्ति स्थानीय स्व-सहायता समूहों के माध्यम करें। बैठक में जिलों के विभिन्न विभागों के कंडम वाहनों एवं अन्य सामग्रियों की नीलामी, बोध घाट सिंचाई परियोजना के सर्वेक्षण, शासकीय भवनों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की स्थापना के संबंध में भी कलेक्टरों को दिशा निर्देश दिए गए।
बरसात से पूर्व करें सड़कों की मरम्मत
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोक निर्माण विभाग को आबंटित 70 करोड़ रूपए की राशि से राज्य में सड़कों की मरम्मत का कार्य बरसात से पूर्व कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों की मरम्मत और रखरखाव कार्य पर विशेष ध्यान दिए जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात के दिनों में सड़कों पर पानी का जमाव न हो। पानी की निकासी की संपूर्ण व्यवस्था रखरखाव टीम के माध्यम से करें। बैठक में राष्ट्रीय राज मार्गों के निमार्णाधीन कार्यों की भी समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण कार्य में देश के अन्य राज्यों से लौटे छत्तीसगढ़ के स्किल्ड श्रमिकों के नियोजन के संबंध में भी लोक निर्माण एवं श्रम विभाग के अधिकारियों को समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश दिए। बैठक में प्रवासी श्रमिकों की वापसी के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी कलेक्टरों को दिए गए। प्रवासी श्रमिकों तथा ऐसे लोग जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं उन्हें मई एवं जून माह का चावल और चना एकमुश्त उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। बैठक में वृक्षारोपण की तैयारियों की भी समीक्षा की गई। 11 जुलाई को राज्य में वृहद पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाएगा। प्रत्येक छात्रावासों, आश्रमों एवं आंगनबाडियों में मुनगा के पांच-पांच पौधे अनिवार्य रूप से लगाए जाने के निर्देश दिए गए है।