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राजधानी रायपुर का ऐतिहासिक बूढ़ा तालाब बनेगा शहर के आकर्षण का केन्द्र: भूपेश बघेल

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मुख्यमंत्री ने किया बूढ़ा तालाब का अवलोकन
तालाबों को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए जनभागीदारी जरूरी

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राजधानी रायपुर का ऐतिहासिक बूढ़ा तालाब विवेकानंद सरोवर आने वाले समय में तेलीबांधा तालाब जैसे ही शहर के आकर्षण का केन्द्र बनेगा। बूढ़ा तालाब की साफ-सफाई के बाद योजनाबद्ध रूप से बूढ़ा तालाब का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आज दोपहर राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब का साफ-सफाई के बाद अवलोकन किया। मुख्यमंत्री बघेल ने इस माह की 11 तारीख से नगर निगम रायपुर द्वारा बूढ़ा तालाब की साफ सफाई के लिए चलाए गए अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि दिन-रात मेहनत कर बूढ़ा तालाब से जलकुंभी और कचरा निकाला गया है। अब तालाब का पानी साफ दिख रहा है।
नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिव डहरिया, विधायक सत्यनारायण शर्मा, कुलदीप जुनेजा और विकास उपाध्याय, नगर निगम रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, सभापति प्रमोद दुबे, मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, प्रभारी कलेक्टर और नगर निगम रायपुर के कमिश्नर सौरभ कुमार सहित अनेक पार्षद और जनप्रतिनिधि इस अवसर पर उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि नगर निगम रायपुर द्वारा 11 मई से 25 मई तक प्रतिदिन 6 घंटे बूढ़ा तालाब से जलकुंभी और गाद निकालने का काम किया गया। इस काम में 11 ट्रक और सात पोकलेन मशीनें लगाई गई थी, 85 सफाई कर्मी, 30 ठेका कर्मी, 50 मछुआरों सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों, दुर्गा कॉलेज के विद्यार्थियों की टीम ने श्रम दान किया। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, नगर निगम रायपुर के महापौर एजाज ढेबर सहित पार्षदों ने भी तालाब की साफ-सफाई के लिए श्रम दान किया। अब तक बूढ़ा तालाब से लगभग 1100 डंपर से अधिक जलकुंभी और गाद बाहर निकाला जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निगम रायपुर को इसके पहले रायपुर शहर को टैंकर मुक्त शहर बनाने के निर्देश दिए गए थे, जिसमें काफी हदतक सफलता मिली है। अब शहर में टैंकरों की संख्या काफी कम हो गई है। हमारे पूर्वजों द्वारा बनवाए गए प्राचीन तालाब शहर की सुंदर पहचान हैं। बूढ़ा तालाब सहित शहर के अन्य तालाबों को भी सुरक्षित रखने के साथ-साथ उनकी साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण किया जाएगा। तालाबों को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए जनभागीदारी जरूरी है। तालाबों के आसपास के मोहल्लों में लोगों को इसके लिए जागरूक करना होगा। तालाबों में आने वाले सीवरेज के पानी को भी रोका जाना चाहिए।