राज्य के किसानों, गरीबों और मजदूरों की मदद में कोई कमी नहीं आएगी: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
रायपुर। किसानों के हितों की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लिए राज्य के विभिन्न अंचलों के किसान प्रतिनिधि एवं कृषणगण आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया। किसान प्रतिनिधियों एवं किसानों ने इस मौके पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना की सराहना की और कहा कि इस योजना को शुरू कर प्रदेश सरकार ने न सिर्फ किसानों के हितों की रक्षा की है, बल्कि प्रदेश सरकार ने किसानों से किए अपने वायदे को निभाया है। किसानों ने प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की बेहतरी हेतु लिए गए फैसले और राज्य में खेती-किसानी को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। किसानों ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार को सदैव सहयोग एवं अपना समर्थन का संकल्प दोहराया। इस मौके पर किसान प्रतिनिधियों एवं किसानों ने कोरोना संकट के काल में छत्तीसगढ़ की जनता की सेवा में जुटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का साथ देने के लिए अपनी ओर से मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए दान राशि का चेक भेंट किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न अचंलों से आए किसान प्रतिनिधियों एवं किसानों का आभार जताते हुए कहा कि राज्य के किसानों, गरीबों एवं मजदूरों की बेहतरी के काम में किसी भी तरह की कमी आड़े नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट का मामला हो या किसानों और गरीबों की मदद का सरकार पूरी तत्परता एवं पूरी प्रतिबद्धता के साथ पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के शुरूआती चरण में राज्य में धान, मक्का और गन्ना उत्पादक कृषकों को 5750 करोड़ रूपए की राशि मिलेगी। इसमें अगले चरण में भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी शामिल किया जाएगा। आगामी वर्ष से इस योजना में दलहन-तिलहन की खेती करने वाले किसानों को भी लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना के कारण आर्थिक संकट के बावजूद भी इस योजना के प्रथम किस्त की राशि किसानों को इसलिए दी गई ताकि किसान भाईयों को खरीफ की खेती के लिए मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने गरीबों और किसानों की बेहतरी के लिए न्याय योजना की अवधारणा को अमल में लाने की बात कही थी। छत्तीसगढ़ राज्य देश का पहला राज्य है, जिसने न्याय योजना को मूर्त रूप दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार और देश की अन्य राज्य सरकारें कोरोना संकट के चलते कई कामों एवं वेतन में कटौती कर रहीं हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के हितों पर आंच नहीं आने दी है, हमने अपने कर्मचारियों के वेतन में किसी भी तरह की कटौती नहीं की है। उन्होंने कहा कि मनरेगा में छत्तीसगढ़ राज्य में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए हर गांव में बड़े पैमाने पर रोजगारमूलक कार्य संचालित किए जा रहे है, जिसके जरिए गांवों में 23 लाख लोगों को रोजाना काम मिल रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में 90 प्रतिशत लघु वनोपज की वाजिब मूल्य पर खरीदी कर संग्राहकों के हितों का संरक्षण किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के 13 लाख संग्राहक परिवारों को तेंदूपत्ता एवं लघु वनोपज संग्रहण के जरिए 2500 करोड़ रूपए मिलेगा। उन्होंने कहा कि संकट के समय में सरकार समाज के सभी वर्ग के साथ मजबूती से खड़ी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर कोरोना संक्रमण और उसके चलते लॉकडाउन तथा प्रवासी मजदूरों की स्थिति का भी विस्तार से उल्लेख किया और कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग सवा लाख श्रमिकों की वापसी हुई है। उन्होंने इस मौके पर गांवों में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए की गई व्यवस्था को बनाए रखने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महामारी से हमें गांव और शहर को बचाना है, सर्तकता और सुरक्षा से ही इसका बचाव संभव है। इस अवसर पर उपस्थित विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ की सरकार किसानों की हितैषी सरकार है। उन्होंने कहा कि किसानों और गरीबों की मदद और उनकी बेहतरी के कामों को लेकर प्रदेश सरकार देश में रोल मॉडल बन गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने वायदे को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था किसानों पर आधारित है। प्रदेश सरकार किसानों और गरीबों को मदद पहुंचाकर छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में जुटी है। उन्होंने कहा कि किसान हितैषी नीतियों के चलते ही आज प्रदेश में खेती-किसानी की ओर लोगों का रूझान बढ़ा है। किसानों की पंजीयन संख्या में 2 लाख की बढ़ोत्तरी इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण जहां अन्य सरकारें कटौती कर रही हैं वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार किसानों की मदद कर रहे हैं। पूर्व विधायक बैजनाथ चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश सरकार डॉ. खूबचंद बघेल और स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर की परिकल्पना को साकार कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की नीतियों के चलते आज लोग खेती-किसानी में रूचि लेने लगे हैं। उन्होंने न्याय योजना के लिए बिलासपुर के किसानों की ओर से मुख्यमंत्री का आभार जताया।
कोरोना संकट में मानवता की सेवा के लिए किसानों ने स्वेच्छा से मुख्यमंत्री सहायता कोष में दी राशि
बलौदाबाजार के कृषक रामविलास साहू, राजनांदगांव के मुरली वर्मा, रायपुर के प्रमोद अग्रवाल, राजनांदगांव के कृषक कमलू निषाद, कवर्धा के महेश चंद्रवंशी, खरोरा के कृषक डॉ. महेन्द्र देवांगन, कुरूद के कृषक शिरीष साहू, महासमुंद के महेन्द्र चन्द्राकार ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के दुख दर्द को समझती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना संकट की कठिन परिस्थिति में किसानों की मदद की है। उन्होंने अपनी ओर से मुख्यमंत्री सहायता कोष में सहायता राशि का चेक भी मुख्यमंत्री को भेंट किया। इस मौके पर श्रीमती तुलसी साहू ने विभिन्न संगठनों एवं दानदाताओं की ओर से संकलित 5 लाख 56 हजार 400 रूपए, खरोरा के कृषक महेन्द्र देवांगन ने 25 हजार रूपए, प्रमोद अग्रवाल ने 21 हजार रूपए, बलराम नशीने ने 3100 रूपए, हरीश चंद वर्मा, अजय वर्मा, इसराइल खान, शेषनारायण बघेल ने 5100-5100 रूपए, वीरनारायण देवांगन ने एक हजार रूपए, होमदत्त वर्मा, मुरलीराम वर्मा एवं कृषक बाबूलाल वर्मा ने 11-11 हजार रूपए का चेक मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए प्रदान किया। कबीरधाम जिले के सहकारी समिति सांरगपुरकला एवं मड़मड़ा के किसानों ने प्रति क्विंटल धान के मान से 50 रूपए की सहायता राशि का चेक मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए प्रदान किया।