शुक्रवार की सुबह 3 बजे से बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 4.30 बजे कृष्ण अष्टमी तिथि धनिष्ठा नक्षत्र में बद्रीनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि गुरुवार को पांडुकेश्वर से रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी और धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल के साथ आदि गुरु शंकराचार्यजी की गद्दी, उद्धवजी, कुबेरजी की डोली, गाडू घड़ी यानी तिल के तेल का कलश बद्रीनाथ धाम पहुंच गए हैं। ऋषिकेश की श्री बद्रीनाथ पुष्प सेवा समिति द्वारा 10 क्विंटल से अधिक फूलों से मंदिर को सजाया गया है।
यात्रा में सभी ने पालन किया सोशल डिस्टेसिंग का
इस साल लॉकडाउन की वजह से पांडुकेश्वर से बद्रीनाथ यात्रा में रावल नंबूदरी, धर्माधिकारी, डिमरी पंचायत के प्रतिनिधि, सीमित संख्या में हकूकधारियों ने सोशियल डिस्टेसिंग का ध्यान रखा और मास्क पहने। इस बार लाम बगड़ और हनुमान चट्टी क्षेत्र में इन देव डोलियों ने विश्राम नहीं किया और ना ही इन स्थानों पर भंडारे का आयोजन हुआ। बद्रीनाथ धाम पहुंच कर भगवान बद्रीविशाल के जन्म स्थान लीला ढूंगी में रावल नंबूदरी द्वारा पूजा-अर्चना की गई।
सुबह 3 बजे से शुरू हो जाएगी कपाट खोलने की प्रक्रिया
डॉ. गौड़ ने बताया कल सुबह 3 बजे से कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। कुबेरजी, उद्धवजी गाडू घड़ा दक्षिण द्वार से मंदिर परिसर में रखा जाएगा। इसके बाद रावल, धर्माधिकारी, हकहकूकधारियों की उपस्थिति में कपाट खोलने हेतु प्रक्रिया शुरू होगी। ठीक 4.30 बजे कपाट खोले दिए जाएंगे। कपाट खुलने के बाद लक्ष्मी माता को परिसर स्थित मंदिर में स्थापित किया जाएगा। इस साल कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन है। जोशी मठ के एसडीएम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कपाट खोलते समय लगभग 30 लोग ही उपस्थित रहेंगे।