भोपाल। कमल नाथ सरकार द्वारा बंद की गई मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना ‘संबल’ को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फिर शुरू कर दिया। इसमें दो नई उप योजनाओं को शामिल भी किया गया है। योजना में शामिल हितग्राहियों के ऐसे पांच हजार बच्चे, जो 12वीं कक्षा में सर्वाधिक अंक लाएंगे, उन्हें 30 हजार रुपये प्रोत्साहन स्वरूप दिए जाएंगे। आइआइटी, आइआइएम, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेलों में प्रवेश होने पर उनकी फीस भी सरकार ही भरेगी।
खेलकूद को प्रोत्साहित करने के लिए योजना के सदस्य परिवारों के उन छात्रों को 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी, जो अखिल भारतीय विश्वविद्यालयीन राष्ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। मुख्यमंत्री ने योजना के विभिन्न हितग्राहियों के खातों में 41.33 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी सरकार ने संबल योजना बंद कर दी थी। योजना के कार्ड रद कर दिए थे। अब यह फिर काम आएंगे।
संबल सिर्फ योजना नहीं है, बल्कि गरीबों का सहारा, बच्चों का भविष्य, बुजुर्गों का विश्वास और मां, बहन-बेटियों का सशक्तिकरण है। संसाधन कब्जे में होने के कारण कुछ लोग अमीर हो गए पर बड़ी आबादी निर्धन रह गई। इस योजना के माध्यम से हम उसी आबादी को न्याय दे रहे हैं। जो धनी हैं, हम उनसे टैक्स लेते हैं और जो गरीब हैं, उनको सुविधाएं देते हैं, यही सामाजिक न्याय है। वर्ष 2018-19 में योजना में 703 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। 20 अप्रैल को योजना को पुनर्जीवित कर मात्र 15 दिन में हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है।
इस दौरान गृह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, सहकारिता एवं खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, कृषि मंत्री कमल पटेल, आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव श्रम अशोक शाह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
903 हितग्राहियों के खातों में 41 करोड़ 33 लाख रुपये की सहायता
योजना की दोबारा शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक के माध्यम से एक हजार 903 हितग्राहियों के खातों में 41 करोड़ 33 लाख रुपये की सहायता राशि ट्रांसफर की। इसमें सामान्य मृत्यु के एक हजार 698 हितग्राहियों को 33.16 करोड़ रुपये, दुर्घटना में मृत्यु के 204 हितग्राहियों को आठ करोड़ 16 लाख रुपये, आंशिक स्थायी अपंगता के एक हितग्राही को एक लाख रुपये की अनुग्रह सहायता शामिल है।
इस दौरान उन्होंने मृतक हितग्राहियों के परिजन होशंगाबाद के दीपक नामदेव, रतलाम की लीला बाई पंचाल, रायसेन के निर्मल कुमार जैन, छतरपुर की पार्वती साहू, विदिशा की मीना बाई, धार के आनंद शांतिलाल कौशल, टीकमगढ़ की सिम्मा बाई, खरगोन की माया बाई, टीकमगढ़ के मैथली सेन, बड़वानी के गंगाराम से बात की।