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भारतीयों की घर वापसी के लिए 7 मई से शुरू होगा महा अभियान, 12 देशों में फंसे 14,800 भारतीय

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नई दिल्ली। नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि एयरइंडिया कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन के चलते विदेश में फंसे करीब 15000 भारतीय नागरिकों को देश वापस लाने के लिए सात से 13 मई तक 64 उड़ानों का परिचालन करेगी। मंत्री ने आॅनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि निजी भारतीय एयरलाइन्स भी 13 मई के बाद इस अभियान में शामिल हो सकती हैं, उन्होंने कहा कि इन उड़ानों का लाभ उठाने वाले लोगों को शुल्क वहन करना होगा।

लंदन से दिल्ली का शुल्क 50 हजार रुपये
उन्होंने कहा कि लंदन-दिल्ली उड़ान पर यात्री से 50,000 रुपए शुल्क लिया जाएगा जबकि ढाका-दिल्ली उड़ान पर उसे 12,000 रुपए देना होगा. पुरी के अनुसार विदेश से लौटने के बाद कोविड-19 एहतियात के तहत सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी और उन्हें 14 दिन तक पृथक-वास में रखा जाएगा।

एयर इंडिया और उसकी सहायक कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपीन, बांग्लादेश, बहरीन, कुवैत और ओमान समेत 12 देशों से भारतीयों को वापस लाने के लिए 64 उड़ानों को संचालित करेगी.

7 मई से 13 मई तक चलेगा अभियान

मंत्री ने बताया कि भारत विदेश से भारतीयों को वापस लाने के लिए सात मई से 13 मई तक संयुक्त अरब अमीरात के लिए 10, अमेरिका और ब्रिटेन के लिए सात-सात, सऊदी अरब के लिए पांच, सिंगापुर के लिए पांच और कतर के लिए दो उड़ानें भेजेगा।

उन्होंने बताया कि इसी तरह मलेशिया और बांग्लादेश के लिए सात-सात, कुवैत और फिलीपीन के लिए पांच-पांच तथा ओमान एवं बहरीन के लिए दो-दो उड़ानें भेजी जाएंगी। देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन है तथा इस दौरान सभी वाणिज्यिक यात्री उड़ानें निलंबित रही हैं।

विदेश से लौटने वाले भारतीयों को ‘आरोग्य सेतू’ एप डाउनलोड करना होगा: गृह मंत्रालय
विदेश में फंसे जिन भारतीय नागरिकों को विशेष उड़ानों के जरिए वापस लाया जाएगा, उन्हें यहां पहुंचने पर ‘आरोग्य सेतु’ मोबाइल एप डाउनलोड करना होगा और इस पूरे अभियान के लिए विस्तृत प्रक्रियाएं जारी की जाएंगी। गृह मंत्रालय की एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्या सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय रेलवे ने फंसे हुए प्रवासी मजूदरों के लिए अब तक 62 विशेष ट्रेनें चलाई हैं, जिनमें करीब 70,000 लोग यात्रा कर चुके हैं।

सूची तैयार कर रहा है दूतावास
विदेश में फंसे हुए भारतीयों को वापस लाने की योजना के बारे में श्रीवास्तव ने कहा कि विभिन्न देशों के दूतावास सूची तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विमानों अथवा नौसेना के जहाजों के जरिए आने वाले लोगों को इसके लिए भुगतान करना होगा। श्रीवास्तव ने कहा, ‘विमान में सवार होने से पहले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी और बीमारी के लक्षण नहीं होने वालों को ही अनुमति मिलेगी। हर यात्री को स्वास्थ्य और नागर विमानन मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।’

अधिकारी ने कहा कि इस बारे में विदेश मंत्रालय और नागर विमानन मंत्रालय की तरफ से विस्तृत विवरण जारी किया जाएगा। उन्होंने साफ किया कि ऐसे यात्रियों की जांच की जाएगी और उन्हें 14 दिन के पृथक-वास में रहना होगा। साथ ही उन्हें पृथक-वास की सुविधा का भुगतान भी करना होगा, इसके साथ ही आने आने वाले लोगों को लॉकडाउन के तहत लागू सभी नियमों का पालन करना होगा।