मुख्यमंत्री ने सर्वे कर प्रस्ताव तैयार करने के दिए निर्देश
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर शहर की जीवनदायिनी खारून नदी को प्रदूषण से मुक्त करने के साथ ही भाटागांव से लेकर कुम्हारी तक इसके दोनों किनारों पर एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराने के लिए सर्वेक्षण तथा इसका प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने खारून एक्सप्रेस-वे के निर्माण सहित नदी के सौंदर्यीकरण एवं इसके किनारे उपयुक्त स्थलों पर रिक्त शासकीय भूमि पर उद्यान विकसित करने को भी प्लान में शामिल करने के निर्देश दिए। यह प्रोजेक्ट नगरीय प्रशासन, जल संसाधन एवं लोक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों के संयुक्त तत्वाधान में संचालित होगा।
मुख्यमंत्री ने बैठक में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहररिया एवं मुख्य सचिव आर.पी.मंडल को संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ मौका मुआयना कर प्रारंभिक रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में नगरीय प्रशासन विभाग और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल, मुख्य सचिव आर. पी. मंडल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सचिव नगरीय प्रशासन श्रीमती अलरमेल मंगई डी., पंजीयक वाणिज्यिक कर श्रीमती पी. संगीता, राजस्व सचिव सुश्री रीता सांडिल्य, संचालक उद्योग अनिल टुटेजा, महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक धर्मेश साहू, संचालक भूअभिलेख रमेश शर्मा और मुख्यमंत्री सचिवालय की उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित।
मुख्यमंत्री ने बैठक में टैंकर मुक्त शहर के लिए नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि अमृत मिशन के अंतर्गत पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए संचालित कार्यों को तेजी से पूर्ण कराया जाए। मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को अब मवेशी मुक्त शहर का अभियान संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसकी शुरूआत रायपुर से की जानी चाहिए। नगर निगम क्षेत्र रायपुर के अंतर्गत उपयुक्त स्थल पर आगामी एक माह के भीतर शहरी गौठान का निर्माण कराए जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी गौठान का निर्माण पूरा होते ही रायपुर शहर में जहां तहां घूमने वाले मवेशियों को वहां रखा जाए। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी यदि निजी पशुपालकों के मवेशी यदि शहर के सड़कों पर इधर उधर घूमते पाए जाते हैं तो संबंधित के विरूद्ध जुर्माने की कार्रवाई की जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की गई। मंत्री डॉ. डहरिया ने बताया कि राज्य के सभी नगरीय क्षेत्रों के स्लम एरिया में लोगों को घर पहुंच स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से कुल 120 मोबाइल मेडिकल यूनिट की आवश्यकता होगी। प्रथम चरण में 14 नगर निगम क्षेत्रों में 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन शुरू करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने मोबाइल मेडिकल यूनिट में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी। मंत्री डॉ. डहरिया ने बताया कि इस योजना के माध्यम से राज्य के एक लाख 71 हजार परिवारों को इसका लाभ मिलेगा।
बैठक में मंत्री डॉ. डहरिया ने मोर जमीन-मोर मकान तथा मोर आवास-मोर चिन्हारी के तहत निर्मित आवासों की स्थिति के बारे में जानकारी दी । निर्मित आवास जरूरतमंद एवं पात्र हितग्राहियों को आबंटित हो सके, इसके लिए मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को आवश्यक प्रक्रिया सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। नगर निगम भिलाई को साडा द्वारा लौटाई गई भूमि की नीलाम करने के संबंध में भी मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने नगरीय निकायों के द्वारा निर्मित दुकानों एवं व्यावसायिक परिसम्पत्तियों का उपयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आबंटन की प्रक्रिया शीघ्रता से कराए जाने के निर्देश दिए।
बैठक में इंदिरा डायगोनेस्टिक सेन्टर की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री ने नगरीय निकायों के अधीन उपलब्ध भवन एवं रिक्त भूमि का उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय के संचालन, पौनी पसारी योजना के अंतर्गत स्वीकृत एवं निर्माणाधीन कार्यों की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री मितान योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर देते हुए कहा कि इसके जरिए नागरिकों को घर पहुंच शासकीय सेवा का लाभ सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होनें विभागीय अधिकारियों को इसके लिए आवश्यक आॅन लाइन साफ्ट वेयर के माध्यम से मानिटरिंग एवं अन्य व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों को राज्य के सभी नगरीय क्षेत्रों के कम से कम एक तालाब को पूरी तरह प्रदूषण से मुक्त करने के साथ ही उसका सौंदर्यीकरण कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तालाबों और नदियों में सीवर का पानी न जाए। इसके लिए आवश्यक उपाए किए जाने की जरूरत है। सचिव नगरीय प्रशासन श्रीमती अलरमेल मंगई डी ने बताया कि टैंकर मुक्त शहर के प्रभावी क्रियान्वयन से बीते तीन सालों में जलापूर्ति के लिए टैंकरों की संख्या में 38 फीसदी की कमी आयी है। उन्होंने खारून , शिवनाथ , केलो और इंद्रावती नदी के पुनरोद्धार हेतु निर्माणाधीन एस.टी.पी. के बारे में भी जानकारी दी। बैठक में केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं की भी समीक्षा की गई।