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छत्तीसगढ़ के 15.80 लाख किसानों को 10 हजार 212 करोड़ की क्रेडिट लिमिट मंजूर

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मंत्री रविन्द्र चौबे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया प्रतिनिधियों को दी जानकारी

रायपुर। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा गांव, गरीब और किसानों के विकास के लिए लगातार ठोस कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिशा-निर्देशों के तहत लॉकडाउन की अवधि में कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। किसानों को फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत लॉकडाउन की अवधि में अब तक 900 करोड़ रूपए की राशि उनके खातों में अंतरित की जा चुकी है। इस अवधि में किसानों को राज्य शासन द्वारा खेती-किसानी के लिए आवश्यक छूट के साथ ही उनके उत्पाद के विक्रय की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। मंत्री चौबे आज चिप्स कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पत्रकारों से चर्चा करते हुए उक्त बाते कहीं। इस दौरान खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती मनिंदर कौर द्विवेदी, खाद्य सचिव कमलप्रीत सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों को रबी फसल बीमा की राशि का भुगतान भी शुरू कर दिया गया है। राज्य के कबीरधाम, मुंगेली और बलरामपुर जिले के 2668 किसानों को 2 करोड़ 59 लाख रूपए की राशि जारी की जा चुकी है। राज्य के अन्य जिलों के किसानों को भी रबी फसल की बीमा राशि का भुगतान शीघ्र किया जाएगा। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने फूड ग्रेन से बायो एथेनॉल बनाने के लिए भारतीय खाद्य निगम को अनुमति दी है। इसको देखते हुए यह उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ राज्य को बायो एथेनॉल बनाने की अनुमति शीघ्र मिल जाएगी।
मंत्री चौबे ने कहा कि किसानों के हित के लिए राज्य में शुरू की गई राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 5300 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इस राशि का वितरण आगामी मई माह से राज्य में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले सभी किसानों को किया जाएगा। चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में तरबूज, केला, पपीता के साथ ही सब्जी की भी खेती यहां के किसान करते हैं। मार्केटिंग की बेहतर व्यवस्था न होने के कारण राज्य सरकार ने इसकी खरीदी केन्द्रीय एजेंसियों के माध्यम से करने का अनुरोध किया है ताकि किसानों को उनके बेहतर लाभ मिल सके। मंत्री चौबे ने बताया कि ग्रामीणों को वृहद पैमाने पर गांव में रोजगार देने के उद्देश्य से कृषि विभाग द्वारा वाटरशेड मिशन के काम भी शुरू कराए गए हैं। इससे 25 लाख मानव दिवस का सृजन होगा। उन्होंने यह भी बताया कि जल संसाधन विभाग के बंद पड़े निर्माणाधीन कार्यों को भी शुरू कराया गया है। विभाग के टेंडर वाले लगभग 250 करोड़ रूपए की लागत वाले निर्माण कार्य भी शुरू कराए जा रहे है ताकि लोगों को गांव में ही रोजगार मिल सके। बोधघाट परियोजना का काम भी तेजी से शुरू कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आगामी खरीफ सीजन को देखते हुए कृषि विभाग द्वारा इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। खाद्य बीज का पर्याप्त मात्रा में भण्डारण कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि खरीफ विभिन्न फसलों के लिए 9.08 लाख क्विंटल बीज की मांग को देखते हुए राज्य के सभी जिलों में अब तक 1.70 लाख क्विंटल धान बीज तथा 755 क्विंटल सोयाबीन बीज का भण्डारण प्रक्रिया केन्द्र एवं समितियों में कराया गया है। इसी तरह राज्य में 5.8 लाख मीट्रिक टन खाद का भण्डारण किया गया है। मंत्री चौबे ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से यहां के पशुपालकों द्वारा उत्पादित दूध की खपत नहीं हो पा रही है। इसको देखते हुए इससे दूध पावडर बनाने की अनुमति देने का केन्द्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ने भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। किसानों को लॉकडाउन की अवधि एवं आगामी खरीफ सीजन में खेती-किसानी के कामों में किसी भी तरह की दिक्कत न आए इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
इस अवसर पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण पूरा विश्व प्रभावित है। यह संकट का समय है। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए केन्द्र सरकार की एडवाइजरी तथा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य में बेहतर एहतियाती कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की बेहतर व्यवस्था सरकार ने की है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन जैसी स्थिति में भी हमने राज्य के 65 लाख 63 हजार राशन कार्डधारी परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने का चुनौती पूर्ण कार्य पूरा किया है। इन कार्डधारी परिवारों को दो माह का खाद्यान्न नि:शुल्क देकर हमने 2 करोड़ 44 लाख लोगों के भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार के फैसलों से यहां की अर्थव्यवस्था बेहतर रही है। इसकी सराहना रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया ने की है। मंत्री भगत ने कहा है कि गांवों में मनरेगा के कामों से तथा वनांचल के क्षेत्रों में लघु वनोपज के संग्रहण से लोगों को गांवों में ही रोजगार मिल रहा है।
इस दौरान मंत्री चौबे ने पत्रकारों के प्रश्नों के जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला हुआ है। इसको देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाओं को सील किया गया है। यहां से आवागमन न हो सके, इसके लिए निरंतर निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की एडवाइजरी के अनुसार ही छत्तीसगढ़ राज्य में लॉकडाउन में रियायत का निर्णय लिया जाएगा। किसानों के विद्युत देयक अधिक आने तथा ओलावृष्टि की वजह से चना फसल को हुए नुकसान के संबंध में उन्होंने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा की जाएगी। कोरोना संक्रमण की वजह से पोल्ट्री व्यवसाय बंद पड़ जाने का सवाल का जवाब देते हुए मंत्री चौबे ने कहा कि कोरोना का पोल्ट्री व्यवसाय से कोई लेना देना नहीं है।