परिवार से की अपील – सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अंतिम क्रिया संपन्न कराए
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट (89) का सोमवार सुबह 10:44 बजे दिल्ली एम्स में निधन हो गया। लीवर और किडनी में समस्या के कारण उन्हें 13 मार्च को एम्स में भर्ती कराया गया था। लेकिन मल्टीपल आॅर्गन फेल होने से रविवार देर रात हालत ज्यादा बिगड़ गई। आनंद सिंह का अंतिम संस्कार उत्तराखंड स्थित पैतृक गांव पंचूर में मंगलवार को होगा। योगी ने पिता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए बताया कि वे यूपी में कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण पिता के अंतिम दर्शन नहीं कर पाएंगे। उन्होंने परिवार से अपील की है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अंतिम क्रिया संपन्न कराएं।
एम्स में भर्ती रहे आनंद सिंह को देखने रविवार रात भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के संगठन महासचिव बीएल संतोष पहुंचे थे। मुख्यमंत्री योगी को जब पिता के निधन की जानकारी मिली तो वे कोरोना से संबंधित टीम 11 के साथ बैठक कर रहे थे। इस दौरान वे कुछ देर के लिए स्तब्ध रह गए, उनकी आंखें नम हो गई। फिर भी उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक जारी रखी। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आनंद सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
योगी का परिवार को मार्मिक पत्र- अंतिम दर्शन नहीं कर सका, कल भी नहीं आ पाऊंगा
मुख्यमंत्री योगी ने परिवार को एक मार्मिक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा- अपने पूज्य पिताजी के कैलाशवासी होने पर मुझे भारी शोक है। वे मेरे पूर्वाश्रम के जन्मदाता थे। अंतिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी, लेकिन कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को यूपी की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने का कर्तव्यबोध के कारण मैं नहीं पहुंच सका। कल (21 अप्रैल) अंतिम संस्कार में लॉकडाउन की सफलता और कोरोना को परास्त करने की रणनीति के कारण भाग नहीं ले पा रहा हूं। अपील करता हूं कि अंतिम संस्कार में कम से कम लोग शामिल हों। लॉकडाउन के बाद दर्शनार्थ आऊंगा।
यह तस्वीर मार्च 2017 की है। जब योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम बने थे तब उत्तराखंड में उनके पैतृक निवास पर परिजनों में खुशी की लहर थी। तस्वीर में योगी के पिता, मां और उनके भाई और बहन हैं।
योगी के पिता आनंद सिंह उत्तराखंड के गढ़वाल जिले के यमकेश्वर के पंचूर गांव के रहने वाले थे। वे वन विभाग में रेंजर थे। 1991 में सेवानिवृत्त हुए थे। आदित्यनाथ के बचपन का नाम अजय सिंह बिष्ट है। उन्होंने बचपन में ही परिवार छोड़ दिया था और गोरक्षनाथ मंदिर के महंत और नाथ संप्रदाय के संत अवेद्यनाथ के पास चले गए थे। बाद में अवेद्यनाथ की जगह योगी आदित्यनाथ ने ली। योगी आदित्यनाथ चुनाव के सिलसिले में उत्तराखंड जाते थे तो परिवार उनसे मिलने आता था।