रायपुर। जिस वक्त देश में लॉकडाउन की वजह से हो रहे नुकसान को आधार बनाकर मीडिया समूहों में पत्रकारों की छंटनी किए जाने की खबरें आ रही है, ठीक उस वक्त छत्तीसगढ़ सरकार का यह आदेश पत्रकारों को राहत देता नजर आ रहा है। शासन की ओर से मीडिया संस्थानों को भेजे गए पत्र में यह स्थिति एक बार फिर स्पष्ट की गई है कि राज्य में पत्रकारों की रिटायरमेंट की उम्र 62 वर्ष निर्धारित है, श्रम विभाग की ओर से जारी आदेश में संस्थानों से कहा है सरकार के इस निर्देश का पालन सुनिश्चित किया जाए। श्रम विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने मीडिया हाउस को भेजे गए निर्देश में कहा है कि आपके संस्थानों में छत्तीसगढ़ औद्योगिक नियोजन स्थायी आदेश अधिनियम 1961 के प्रावधान प्रभावशील हैं।
27 नवंबर 2019 को जारी अधिसूचना के जरिए राज्य में पत्रकारों के रिटायरमेंट की अवधि 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष तय की गई है, गैर-पत्रकारों के लिए यह 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष निर्धारित है, ऐसे में इस अधिनियम का परिपालन सुनिश्चित किया जाए। समाचार पत्र संस्थानों को दिए गए राज्य शासन के निर्देश पर वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैय्यर ने कहा कि, संस्थानों के मानवीय पहलुओं का स्खलन हुआ है, लेकिन फिर भी सरकार ने यदि नियमों के हवाले से यह निर्देश संस्थानों को दिया है, तो संस्थानों का दायित्व है कि इस पर चला जाए। कोरोना की वजह से उपजे संकट के बीच सरकार की नियत पर मैं संदेह नहीं करता, सरकार भी इस पर सचेत है। यह संकट काल है, जो किसी व्यक्ति से नहीं, बल्कि प्रकृति निर्मित है। यह अपील भी सरकारों की ओर से की गई है कि किसी को नौकरी से न निकाला जाए, मालिक कर्मचारियों को वेतन दे, इस बीच सरकार के निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए। इधर रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष दामू आम्बेडारे ने कहा कि सरकार का यह आदेश बेहद अहम है। पत्रकारों के हित से जुड़ा है, ऐसे में यह जरूर है कि रिटायरमेंट की जो उम्र तय की गई है, सभी संस्थान उसका पालन सुनिश्चित कराए।