नई दिल्ली। कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल की पूरी हो रही है, इससे पहले 9 राज्य लॉकडाउन बढ़ाने की मांग केंद्र सरकार से कर चुके हैं। मंगलवार यानी 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना को लेकर चौथी बार देश को संबोधित कर सकते हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी होनी है। मोदी ने 24 मार्च को अपने दूसरे संबोधन में 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया था।
सरकार सूत्रों के मुताबिक, कुछ बदलावों के साथ लॉकडाउन आगे बढ़ने के आसार हैं। राज्यों में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर प्रतिबंध जारी रहेंगे। स्कूल-कॉलेज और धर्मस्थल भी बंद रहने की संभावना है। हालांकि, पिछले दिनों सांसदों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मोदी साफ कर चुके हैं कि देश सोशल इमरजेंसी के दौर से गुजर रहा है, सरकार के लिए हर किसी की जान बचाना प्राथमिकता है। ऐसे में लॉकडाउन को एक साथ नहीं हटाया जा सकता है। कोरोना संकट के पहले और बाद की जिंदगी एक जैसी नहीं होगी।
कुछ सेक्टरों को छूट दे सकती है सरकार
लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था को खासा नुकसान हो रहा है, ऐसे में कुछ सेक्टरों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की शर्त पर लॉकडाउन से छूट दी जा सकती है। वहीं, आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार की संभावना जताई है। लॉकडाउन से सबसे ज्यादा असर एविएशन सेक्टर पर पड़ा है। ऐसे में सरकार एयरलाइंस कपंनियों को उड़ानें शुरू करने की छूट दे सकती है, लेकिन उन्हें सभी क्लास में बीच की सीट खाली रहनी होगी।
ओडिशा ने 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाया
ओडिशा लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने वाला पहला राज्य है। उसने 30 अप्रैल तक लॉकडाउन और 17 जून तक स्कूल-कॉलेज बंद रखने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्र से उड़ानें भी बंद रखने की अपील की है। इसके अलावा कर्नाटक भी लॉकडाउन बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, असम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पुड्डुचेरी भी लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में हैं।
मंत्रीसमूह की बैठक में लॉकडाउन पर चर्चा हुई थी
कोरोना पर गठित मंत्रिसमूह की पहली बैठक में भी लॉकडाउन पर चर्चा हुई थी। यह बैठक 7 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई थी। इसमें गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। इसके बाद मंत्रिसमूह ने स्कूल-कॉलेज, मॉल और धार्मिक स्थल 15 मई तक बंद रखने की सिफारिश की थी। सूत्रों के अनुसार, मंत्रिसमूह की राय है कि लॉकडाउन 14 अप्रैल से आगे नहीं बढ़ने की सूरत में भी ये गतिविधियां बंद ही रहनी चाहिए।