नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण के शिकार लोगों में एक अलग ट्रेंड भारत में सामने आ रहा है, स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक यूरोप और पूरी दुनिया से ठीक अलग भारत में सबसे ज्यादा बुजुर्ग नहीं बल्कि बीच वाली उम्र और कम उम्र के लोग संक्रमण के शिकार हो रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के मुताबिक जीरो से 20 साल की उम्र के 9 फीसदी मामले भारत में संक्रमण के सामने आए हैं, इसी तरह से 20 से 40 की उम्र के 42 फीसदी संक्रमण के केस भारत में सामने आ रहे हैं, जबकि 40 से 60 साल की उम्र के 33% संक्रमण के मामले भारत में सामने आए हैं और 7 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के मामले से 17 फीसदी हैं। अभी तक जो भी संक्रमण के केस भारत में है, उनमें से 58 क्रिटिकल हालत में है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि हर स्तर पर उपलब्ध कराने का सरकार पूरा प्रयास कर रही है।
तबलीगी जमात से जुड़े संक्रमण के मामलों को लेकर गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि अभी तक तबलीगी जमात से जुड़े 22000 लोगों को क्वारंटाइन कर दिया गया है, इनमें से एक हजार 23 लोगों में संक्रमण के मामले कंफर्म हो चुके हैं। लव अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की है। उन्होंने कहा कि परिवार में भी अपना फेस कवर या मास्क किसी से शेयर ना करें, आईसीएमआर की तरफ से और गंगाखेड़कर ने कहा है कि अभी तक 75000 लोगों के टेस्ट किए गए हैं। लव अग्रवाल ने कहा कि हमारी टेस्टिंग की प्रस्तुति लगातार बढ़ रही है। पहले हम 5000 सैंपल प्रतिदिन टेस्ट कर सकते थे, अब हमारे सभी लैब 10,000 टेस्ट प्रतिदिन कर रहे हैं. कुछ देशों से लॉजिस्टिक्स के लिए हमने तालमेल कर रखा है, हमने करोड़ों की तादाद में आर्डर भी जारी किए हैं और अब सामान भी पहुंचना शुरू हो गया है.
सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि आज स्वास्थ्य मंत्रालय ने फैसला किया है कि प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के दायरे में कोरोना संक्रमण के मरीज भी आएंगे. आयुष्मान योजना के तहत 50 करोड़ लोगों का हेल्थ कार्ड बना हुआ है, लिहाजा इसका फायदा यह होगा कि निजी अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमण के मरीज इस योजना के तहत अपना इलाज करवा सकेंगे।