रायपुर। कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण से देश और प्रदेश में निर्मित लॉकडाउन की स्थिति से देश के अन्य राज्यों में मुसीबत में फंसे छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 7 हजार मजदूरों की मददगार छत्तीसगढ़ सरकार बन गई है। इन संकटग्रस्त मजदूर भाईयों की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने न सिर्फ सुध ली है बल्कि जिन राज्यों में मजदूर भाई फंसे हुए है, वहां उनके भोजन एवं आवास का भी बेहतर प्रबंध सुनिश्चित कराया है। राज्य के ऐसे मजदूर जो लॉकडाउन की वजह से अपने घर वापस नहीं आ सके है, उनके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन में यथास्थान रहने एवं खाने की व्यवस्था के साथ ही अन्य आवश्यक मदद लगातार मुहैया कराई जा रही है। राज्य के नोडल अधिकारी एवं श्रम सचिव सोनमणि बोरा इस व्यवस्था पर खुद निगरानी रख रहे है। श्री बोरा के दिशा-निर्देशन में श्रम विभाग एवं जिला प्रशासन के अधिकारी दूसरे राज्यों के अधिकारियों और नियोक्ताओं से समन्वय स्थापित कर राज्य के मजदूर भाईयों की रखने और खाने का इंतेजाम कर रहे है। ज्ञातव्य है कि 22 मार्च से लॉकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ के 6937 श्रमिक देश के अन्य राज्यों में फंस गए हैं। राज्य शासन ने इसकी सूचना मिलते ही तत्परता से कार्रवाई सुनिश्चित की और राज्य के फंसे हुए श्रमिक भाईयों के लिए यथास्थान रहने और खाने का प्रबंध सुनिश्चित किया। श्रम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक 1667 श्रमिक महाराष्ट्र राज्य में लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए है। इसी तरह उत्तरप्रदेश में 1348, जम्मू में 1125, तेलंगाना में 878, गुजरात में 381, कर्नाटक में 295, आंध्रप्रदेश में 193, मध्यप्रदेश में 167, तमिलनाडु में 160, केरल में 155, पंजाब में 154 श्रमिक फंसे हुए है। यह श्रमिक छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों के रहने वाले है। राज्य के श्रमिक भाईयों की संकट की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर आवश्यक मदद दिलाने का आग्रह किया है। ज्ञातव्य है कि मुंगेली जिले के ऐसे श्रमिक जो अन्य राज्यों में लॉकडाउन की वजह से मुसीबत में फंस गए है, उनकी मदद के लिए जिला प्रशासन मुंगेली द्वारा 4 लाख रूपए की पहली किस्त भी उपलब्ध कराई गई है। कबीरधाम जिले के मुसीबतजदा मजदूरों की मदद के लिए जनसहयोग से 1.31 लाख रूपए भेजे गए है। बेमेतरा जिले के मजदूरों की मदद के लिए 1.60 लाख की मदद भेजी गई है। गौरतलब है कि लॉकडाउन की वजह से छत्तीसगढ़ राज्य में भी अन्य प्रांतों के श्रमिक फंसे हुए है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निदेर्शानुसार मुसीबत में फंसे सभी श्रमिकों के रहने एवं खाने की व्यवस्था छत्तीसगढ़ राज्य में की गई है। श्रमिकों के ईलाज एवं अन्य आवश्यक मदद का भी ध्यान रखा जा रहा है।