नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ केन्द्र के साथ ही देशभर की सरकारें सतर्क है और लोगों को लगातार हिदायतें दी जा रही है कि वे लॉकडाउन के दौरान इसका उल्लंघन कर घरों से न निकलें। इस बीच, दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके से 200 लोगों को अस्पताल में कोरोना जांच के लिए ले जाया गया है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरों के बीच दक्षिण पूर्वी दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज से दस से अधिक देशों के नागरिकों समेत 200 लोगों को यहां के अलग अलग अस्पतालों में जांच के लिए ले जाया गया है। जिन लोगों को जांच के लिए ले जाया गया है, उनमें बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मलेशिया, सऊदी अरब, इंग्लैंड और चीन के करीब 100 विदेशी नागरिक शामिल है। रविवार को तमिलनाडु के एक 64 वषीर्य शख्स की मौत हो गई थी जो मरकज में रुका हुआ था। मृतक की हालांकि अभी जांच रिपोर्ट नहीं आई है। जैसे ये खबर सामने आई कि निजामुद्दीन इलाके में कुछ लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, उसके बाद दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की टीम भी वहीं पर पहुंची। इस घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी। निजामुद्दीन के एक स्थानीय निवासी ने बताया कि मरकज में करीब 600 लोग थे जिनमें से फिलहाल 200 लोगों को कोरोना संक्रमण जांच के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया गया है और मरकज के आसपास के इलाके को पूरी तरह सील कर दिया गया है। उधर, निजामुद्दीन मरकज के प्रवक्ता डॉक्टर मोहम्मद शोएब ने कहा, कल हमने प्रशासन को नामों की लिस्ट दी है, जिन्हें स्वास्थ्य की समस्याएं थी, जैसे कोल्ड या बुखार। कुछ लोगों को उम्र और ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमारे पास अभी तक कोई कोरोना के कंफर्म केस नहीं है।
ड्रोन से पुलिस कर रही निगरानी
पुलिस पूरे इलाके की ड्रोन से निगरानी कर रही है। पुलिस लगातार पेट्रोलिंग भी कर रही है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई बाहर न घूम रहा हो। मरकज से कुछ ही दूर पर प्रसिद्ध सूफी निजामुद्दीन औलिया की मजार है जहां पर बड़ी संख्या में जायरीन यहां आते हैं लेकिन इन दिनों दरगाह पूरी तरह बंद है। गौरतलब है कि निजामुद्दीन में स्थित मरकज इस्लाम की शिक्षा का प्रचार प्रसार करने के विश्व का सबसे बड़ा केंद्र है जहां कई देशों के लोग आते है।