भोपाल। शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार रात 9 बजे मध्यप्रदेश के 32वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह सिर्फ 6 मिनट तक चला। वे मध्यप्रदेश के इतिहास में ऐसे पहले नेता हैं, जो चौथी बार सीएम बन गए हैं। शपथ के बाद उन्होंने कहा कि यह मौका उत्सव का नहीं है। एक ट्वीट भी किया, इसमें लिखा- प्राथमिकता कोरोनावायरस से मुकाबला, बाकी सब बाद में होगा। शिवराज इससे पहले 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल सीएम रह चुके हैं। 20 मार्च को कमलनाथ के इस्तीफे के बाद सीएम पद की दौड़ में शिवराज ही सबसे मजबूत दावेदार थे। शिवराज के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार सीएम रहे हैं।
राजभवन में हुए शपथ समारोह में मीडिया को प्रवेश नहीं दिया गया। शिवराज और अन्य नेता यहां विधायकों के साथ पहुंचे। कोरोना के प्रकोप को देखते हुए सीमित लोगों को ही कार्यक्रम में शामिल किया गया। शपथ के बाद शिवराज ने कोरोना का जिक्र करते हुए कहा कि मैं सबको नमस्कार कहते हुए आभार प्रकट कर रहा हूं। इससे पहले उम्मीदों के अनुसार शिवराज सिंह चौहान ही भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता चुने गए। बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक विनय सहस्त्रबुद्धे और अरुण सिंह वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। पर्यवेक्षकों ने इस निर्णय पर मुहर लगाई। पहली बार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में सर्वसम्मति से यह चुनाव किया गया।
शिवराज ने अपने चयन के बाद संबोधन में कहा कि यह उनके लिए बहुत भावुक पल है। वे हमेशा पार्टी के एक साधारण कार्यकर्ता रहे। यह भाजपा में ही संभव है कि एक सामान्य कार्यकर्ता को ऐसा काम करने का अवसर मिले। शिवराज ने पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का आभार जताते हुए कहा कि उन्हें चुनौतीपूर्ण समय में यह दायित्व मिला है। शिवराज ने कमल नाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार ने अल्प समय में ही प्रदेश को तबाह कर दिया है। अब सब मिलकर प्रदेश के विकास के लिए काम करेंगे। एक परिवार के सदस्य के तौर पर आत्मीयता से काम करेंगे और सबको साथ लेकर चलेंगे। हम प्रदेश को फिर विकास की दिशा में अग्रसर करेंगे और जनकल्याण की दिशा में इतिहास रचेंगे। उन्होंने कोरोना का जिक्र करते हुए कहा कि यह समय जश्न का नहीं हालात हमें इसकी इजाजत नहीं देते। इस विपदा से हम सब को मिलकर निपटना है।
भार्गव ने विधायक दल की बैठक में शिवराज के नाम का प्रस्ताव रखा
भाजपा विधायक दल की बैठक से पहले गोपाल भार्गव ने नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। विधायक दल की बैठक में गोपाल भार्गव ने शिवराज के नाम का प्रस्ताव रखा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उसका समर्थन किया। कुछ ही विधायक बैठक में मौजूद थे। कोरोना का संक्रमण न फैले, इसलिए एहतियात बरतते हुए बाकी विधायकों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में हिस्सा लिया। सभी विधायकों ने शिवराज के नाम पर मुहर लगाई और उन्हें अपना नया नेता चुन लिया।
मोदी ने 4 बार शिवराज से बात की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को चार बार शिवराज सिंह चौहान से मध्य प्रदेश के हालात पर बात की। इसके बाद शिवराज को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया। मोदी ने शिवराज को कल ही इस बात के संकेत दे दिए थे कि उन्हें मुख्यमंत्री पद संभालना है। सोमवार सुबह गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ पार्टी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने बैठक की और इस फैसले को अंतिम रूप दिया। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बताया कि विधायक दल की बैठक के बाद हम राज्यपाल से मिलने जाएंगे।