मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश में तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भोपाल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई और भाजपा को कोसा। उन्होंने कहा, 11 दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद सरकार बनी। 15 महीनों में सरकार का प्रयास रहा कि राज्य को नई दिशा देने का प्रयास किया जाए। कांग्रेस सबसे ज्यादा सीट हासिल करते मध्यप्रदेश की सत्ता में आई थी। सरकार बनाने के बाद से मेरा प्रयास रहा कि प्रदेश का विकास हो। मुझे जनता ने पांच साल के लिए सरकार चलाने का आदेश दिया था। भाजपा ने शुरू से हमारी सरकार गिराने की कोशिश की। हर 15वें दिन कहा गया है कि कमल नाथ की सरकार गिरने जा रही है। भाजपा ने गैर लोकतांत्रिक तरीके से 22 विधायकों को बेंगलुरू में बंधक बना रखा। मेरी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की गई। जनता पूछ रही है कि मेरा क्या कसूर है?
कमलनाथ ने कहा, मध्य प्रदेश की तुलना छोटे राज्यों से की जाती थी। भाजपा ने 15 साल कोई काम नहीं किया, लेकिन हमारे 15 महीनों का हिसाब मांगा। हमारा वचन पत्र 5 साल का है और 15 महीनों में हमने खूब काम किया। भाजपा के 15 साल के शासन में बेरोजगारी बढ़ी थी। बकौल कमल नाथ, भाजपा ने प्रलोभन का खेल खेला। मेरे विधायकों को तोड़ने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किये। हमने विधानसभा में पहले भी बहुमत साबित किया। मेरे सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र किया गया। यह विश्वासघात राज्य की साढ़े सात करोड़ जनता के साथ है।