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कमलनाथ ने राज्यपाल टंडन को पत्र सौंपकर विधायकों को मुक्त कराएं की मांग की

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भोपाल । मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया है। उन्होंने राज्यपाल को पत्र सौंपकर मांग की है कि वे केंद्रीय गृहमंत्री से आग्रह कर बेंगलुरु में बंधक बनाए गए कांग्रेस के 19 विधायकों को मुक्त कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 16 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र में उनकी सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है। राज्यपाल से हुई एक घंटे की मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने मप्र में चल रही सियासी उठापटक के संदर्भ में चर्चा की। साथ ही बताया कि कांग्रेस विधायकों को जबरदस्ती बेंगलुरु ले जाने का प्रयास 3-4 मार्च की आधी रात शुरू हुआ, जो विफल हो गया। उसके बाद भाजपा ने 8 मार्च से 19 विधायकों को बंधक बना लिया है, इनमें 6 मंत्री भी हैं, उनसे किसी को मिलने नहीं दिया जा रहा। यहां तक कि एक विधायक मनोज चौधरी के पिता नारायण सिंह चौधरी जब प्रदेश के दो मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह के साथ मिलने पहुंचे तो उनके साथ बदसलूकी की गई। भाजपाई और कर्नाटक पुलिस ने उनसे मारपीट तक की, यह कानून और लोकतंत्र का मजाक है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायकों को बंधक बनाने में भाजपा और कर्नाटक सरकार की साजिश है, इस घटनाक्रम को बताने वाले कई फोटो और वीडियो मौजूद हैं। उन्होंने यह भी मांग की है कि 10 मार्च की शाम को विधानसभा अध्यक्ष के निवास पर कांग्रेस के 19 बंधक विधायकों के इस्तीफे एक भाजपा नेता द्वारा सौंपे जाना भी असामान्य घटना है, इससे भाजपा की साजिश का पर्दाफाश होता है। अत: इस मामले की जांच कराई जाए। ऐसी परिस्थितियों में लोकतंत्र खतरे में है, इसके लिए जो भी व्यक्ति जिम्मेदार हैं, उन्हें दंडित किया जाए ।

19 बंधक विधायकों को मीडिया के सामने लाया जाए
राजभवन के बाहर मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं हैं। वह विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर देंगे, उन्होंने कहा कि हमारे विधायकों को बेंगलुरु में कैद कर लें और फ्लोर टेस्ट की मांग करें, यह पूरी तरह से गलत है। फ्लोर टेस्ट तब संभव है जब वे स्वतंत्र हों, उन्हें मीडिया के सामने लाया जाए। कोरोना वायरस के संदर्भ में सवाल पर उन्होंने कटाक्ष किया कि राजनीति में भी तो कोरोना वायरस है। राज्यपाल के अभिभाषण और बजट पर फ्लोर टेस्ट हो ही जाएगा।