नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में हो सकता है मंत्रिमंडल का विस्तार कई बागी विधायकों को मिल सकता है मंत्री पदराज्यसभा की दो सीटों पर भी कांग्रेस की नजर मध्य प्रदेश में सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। नई दिल्ली में हुई इस बैठक के दौरान कमलनाथ और सोनिया के बीच राज्यसभा चुनाव और सियासी संकट पर बात हुई। हालांकि, चर्चा है कि सियासी संकट को रोकने के लिए कमलनाथ अपने मंत्रिमंडल में विस्तार कर सकते हैं, इसको लेकर भी सोनिया गांधी और कमलनाथ के बीच मैराथन बैठक हुई। बैठक के बाद कमलनाथ ने कहा कि सभी मुद्दों पर बातचीत हुई है। राज्यसभा उम्मीदवारों को लेकर बातचीत हुई है और जो राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है, उसको लेकर भी बातचीत हुई है, प्रदेश के सियासी संकट पर सीएम कमलनाथ ने कहा कि सभी विधायक वापस आ गए है, मैं तीर्थ यात्रा पर गया था। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी के सवाल पर कमलनाथ ने कोई जवाब नहीं दिया। मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत नहीं है और कमलनाथ सरकार बाहरी समर्थन से चल रही है। सरकार को सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों का समर्थन है, उन्हीं में से कई और कांग्रेस के विधायकों को मिलाकर कुल 10 विधायक लापता हो गए थे, उसके बाद से सरकार के अल्पमत में आने के सवाल उठे, मगर कमलनाथ ने स्थिति संभाल ली। लापता विधायकों में से आठ भोपाल लौट आए हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर उनके प्रति अपना समर्थन जताया है। कांग्रेस विधायक बिसाहू लाल सिंह ने तो मंत्री न बनाए जाने को लेकर अपनी नाराजगी भी जता दी है, वहीं निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा भी मंत्री बनना चाहते हैं, सभी बागी विधायकों को मुख्यमंत्री की ओर से संतुष्ट करने का भरोसा दिया गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल का मन बना चुके हैं। वर्तमान मंत्रियों में से कई की छुट्टी तय है और असंतुष्ट विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान दिए जाने की संभावना है। जिन मंत्रियों की छुट्टी संभावित है, उनमें कई नाम चौंकाने वाले हो सकते हैं, राज्य मंत्रिमंडल में छह और विधायकों को स्थान दिया जा सकता है। मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित कुल 29 मंत्री हैं। कांग्रेस राज्यसभा की तीन में से दो सीटें भी जीतना चाहती है और इसके लिए उसे सरकार को समर्थक विधायकों को अपने पाले में बनाए रखना जरूरी होगा। विधायकों की संख्या के आधार पर कांग्रेस को दो अतिरिक्त विधायकों का समर्थन चाहिए, तभी वह दो सीटें जीत सकती है। मौजूदा समय में कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं, कांग्रेस को दो सीटें जीतने के लिए 116 विधायकों का समर्थन चाहिए।
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