भोपाल। कमलनाथ सरकार पर छाए संकट को टालने के लिए मंत्रिमंडल विस्तार और निगम-मंडल में नियुक्तियों के फार्मूले पर क्रियान्वयन की रणनीति बनी है। इसके तहत होली के पहले कुछ असंतुष्टों को मंत्री बनाने की चर्चा थी, लेकिन अब मंत्रिमंडल विस्तार झमेले में पड़ता दिख रहा है। राज्यपाल लालजी टंडन रविवार को पांच दिन के प्रवास पर लखनऊ चले गए हैं, उनका यह प्रवास पूर्व से तय था, वे 12 मार्च को भोपाल लौटेंगे। इसलिए माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार फिलहाल उलझन में है। हालांकि 16 मार्च से शुरू हो रहे विस के बजट सत्र से पहले विस्तार किया जा सकता है। प्रदेश की सियासत में पर्दे के पीछे शह-मात का खेल अभी जारी है। मुख्यमंत्री कमलनाथ पर मंत्रिमंडल विस्तार का दबाव बढ़ रहा है, पार्टी के ही कई असंतुष्ट और वरिष्ठ विधायक कैबिनेट में शामिल होने के लिए जोर-आजमाइश कर रहे हैं। बसपा और सपा के तीन और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा सहित कुछ अन्य विधायक भी हैं जो सियासी मोल-तोल में जुटे हैं। कांग्रेस के जो तीन विधायक अचानक लापता हो गए हैं, उनमें से बिसाहूलाल सिंह रविवार की देर शाम पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल हनी के साथ बेंगलुरु से लौट आए हैं, उनके बेटे ने भोपाल के थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। विधायक हरदीप सिंह डंग और रघुराज सिंह कंसाना ने अपनी ‘लोकेशन’ सार्वजनिक नहीं की है। डंग द्वारा इस्तीफे की पेशकश के बाद से ही प्रदेश का सियासी पारा उछाल पर आया था। प्रदेश में सत्ताधारी दल और प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा के भीतर चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अपने डांवाडोल विधायकों को कमजोर कड़ियां मानकर दोनों ही दल ज्यादा सशंकित हो गए हैं। कांग्रेस में जहां अपने असंतुष्ट विधायकों को एकजुट रखने की चुनौती है, वहीं रूठे नेताओं को मनाने के लिए पार्टी का आपदा प्रबंधन तंत्र सक्रिय किया गया है।