रायपुर। रायपुर में आयकर विभाग के छापे के संदर्भ में आज प्रसारित की जा रही खबर पूरी तरह से निराधार और फर्जी है। एक निजी समाचार चैनल द्वारा इस संबंध में प्रसारित समाचार रिपोर्ट में मुख्यमंत्री सचिवालय के शीर्ष अधिकारियों की भूमिका पर कई झूठे आरोप लगाया गया। जबकि आयकर विभाग ने 2 मार्च 2020 को जारी अपने बयान में इन आरोपों के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया है। यह स्पष्ट रूप से इस तथ्य को साबित करता है कि उपरोक्त निजी समाचार चैनल इसे छत्तीसगढ़ सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त छवि को खराब करने के अवसर के रूप में उपयोग कर रहा है। उपरोक्त समाचार रिपोर्ट पूरी तरह से अविश्वसनीय, फर्जी, आधारहीन, गलत और प्रमाणहीन है। आयकर छापे के दौरान निजी न्यूज चैनल ने छत्तीसगढ़ सरकार और सरकारी अधिकारियों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए जानबूझकर फर्जी खबरें प्रसारित की। विषय को सनसनीखेज बनाने के उद्देश्य से तथ्यों को पूरी तरह तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया। उपरोक्त समाचार चैनल द्वारा की गई रिपोर्टिंग उद्देश्यपूर्ण और निष्पक्ष होने के बजाय, अपमानजनक और पक्षपातपूर्ण थी। उपरोक्त खबर के संबंध में राज्य सरकार का बयान न तो प्रसारण से पहले मांगा गया था और न ही पत्रकारिता के पेशे की पवित्रता को कायम रखा गया। चैनल ने उच्चतम टीआरपी हासिल करने के लिए पेशे के आदर्शोंं को ताक में रख दिया। समाचार चैनल ने व्यवसायिकता की सीमाओं का उल्लंघन किया। यह एक प्रकार का मीडिया ट्रायल बना, जिसका एकमात्र उद्देश्य पत्रकारिता की नैतिकता के साथ समझौता करके दर्शकों को गुमराह करना था। चैनल द्वारा झूठी खबर को प्रसारित करने पर छत्तीसगढ़ सरकार उपरोक्त चैनल के खिलाफ उपयुक्त प्रेस फोरम में शिकायत कर रही है।