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छत्तीसगढ़ सरकार ने केन्द्र पर लगाया राज्य सरकार को अस्थिर करने का आरोप

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई में राज्यपाल से मिले राज्य सरकार के मंत्री और की शिकायत

रायपुर। छत्तीसगढ़ में केन्द्रीय आयकर विभाग द्वारा दो दिन से जारी छापेमारी की कार्रवाई ने शुक्रवार 28 फरवरी 2020 को सियासी रूप धारण कर लिया। मामला तब और गरमा गया जब शुक्रवार की दोपहर बाद आयकर विभाग की टीम ने मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों के यहां भी छापेमारी करना शुरू कर दिया। इसकी जानकारी होते ही विधानसभा में ही अपने कक्ष में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में मुख्य सचिव आरपी मंडल और पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी भी उपस्थित रहे। बैठक में केन्द्रीय आयकर विभाग की टीम द्वारा की जा रही छापेमारी पर विमर्श करने के उपरान्त राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके से मिलकर पूरे मामले से अवगत कराने का निर्णय लिया गया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंत्रिमंडल के साथियों के साथ सीधे राजभवन पहुंचे और राज्यपाल से मिलकर उन्हें आयकर विभाग की टीम द्वारा की जा रही छापेमारी से संबंधित ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल को सौंपे गये ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि राज्य की सरकार पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार पर लगातार कार्रवाई कर रही है। इससे बौखलाकर केन्द्र की भाजपा सरकार राज्य सरकार को अस्थिर करना चाह रही है। आयकर विभाग की कार्रवाई इसी परिप्रेक्ष्य से कराई जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आयकर विभाग द्वारा की जा रही छापेमारी की कार्रवाई पूरी तरह से बदले की भावना से प्रेरित है। इससे पहले संसदीय कार्यमंत्री रवीन्द्र चौबे ने मीडिया से कहा कि आयकर विभाग द्वारा की जा रही इस तरह की कार्रवाई संघीय ढांचे के खिलाफ है। इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई 24 घंटे से भी ज्यादा समय से रायपुर मेयर एजाज ढेबर, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, आईएएस अनिल टुटेजा के बंगले पर जारी है। बताया जा रहा है कि महापौर ढेबर के लैपटॉप, कैरेटो मीटर और नोट गिनने की मशीन सहित अन्य चीजों की जांच की जा रही है। वहीं भिलाई में एपी त्रिपाठी के बंगले से काफी सामान जब्त किया गया है। कई दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। जिन्हें टीम अपने साथ ले गई है।