राजिम। धर्म, आस्था और अध्यात्म की नगरी छत्तीसगढ़ की प्रयाग नगरी राजिम पूरे प्रदेश ही नहीं अपितु विश्व में एक नई पहचान दिलाता है। राजिम पुन्नी मेला के अवसर पर प्रथम दिवस फ्रांस के विदेशी दर्शनार्थियों का आना भी प्रारंभ हो चुका है। रायपुर एयरपोर्ट से सीधे छत्तीसगढ़ की प्रयाग धरा राजिम में सर्वप्रथम इन विदेशी दर्शनार्थियों को राजिम पुन्नी मेला का पता चलते ही वे अपने गाइड को राजिम आने के लिए निर्देशित किए तत्पश्चात यहां राजिम पहुंचकर राजिम त्रिवेणी संगम सहित मंदिरों एवं साधु संतो के दर्शन किया। सैलानी इस तरह नदी के मध्य में विशाल मेला और यहां की समृद्ध संस्कृति को देखकर बहुत ही बहुत ही उत्साहित हुए। साथ ही नदी के मध्य में स्थित श्री राजीव लोचन एवं कुलेश्वर नाथ जी के मंदिर नदी के मध्य में स्थित होने से अचंभित हुए। विदेशी पर्यटकों ने ग्रामीण क्षेत्रों से आए दर्शनार्थियों से मिलकर उनकी संस्कृति और परम्परा की जानकारी लेकर इससे समझने का प्रयास किया। ग्रामीण में उनके साथ सेल्फी लेकर आनंद भी उठाए। पर्यटकों ने मेला में घूम-घूमकर आनन्द लेते रहे। उनके दल में मार्शल, जूलिया और मिशेल नेतृत्व कर रहे थे। अभी वे यहां 4 दिन रहकर आसपास के ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों का अवलोकन करेंगे।