बिलासपुर। हाईकोर्ट ने गुरुवार को वित्त अफसर सतीश पांडेय और पूर्व आईएएस बीएल अग्रवाल की समाज कल्याण घोटाला प्रकरण में अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश के खिलाफ रिव्यू पिटीशन को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने लिखा है कि हमने किसी अफसर विशेष के खिलाफ एफआईआर के आदेश नहीं दिए हैं। कोर्ट ने आगे कहा है कि हमारे समक्ष यह बात आई भी नहीं है कि गड़बड़ी में किसकी क्या भूमिका रही है। कोर्ट ने प्रकरण में आर्थिक गड़बड़ी की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई को आदेश दिए हैं। ऐसा करने का कोर्ट को संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस पीपी साहू की बैंच ने अपने आदेश में कहा कि याचिका कर्ता अपने खिलाफ एफ आई आर का आदेश होने की आशंका के चलते आये है जबकि पूर्व के आदेश में ऐसा कुछ नहीं है। कोर्ट ने आगे कहा कि मुख्य सचिव ने खुद अपने शपथ पत्र संस्थान में अनियमितताओं को स्वीकारा है। ऐसे में सीबीआई को प्रकरण दर्ज कर जांच के आदेश दिए गए हैं। यह भी कहा है कि सीबीआई को यह भी आदेश दिया गया है कि किसी डायरेक्शन की जरूरत होगी तो हमारे समक्ष आ सकती है।