दुर्ग। दुर्ग पुलिस ने 24 घंटे के भीतर ट्रिपल मर्डर मिस्ट्री को सुलझा लिया है। पुलिस ने हत्या के आरोप में मृतिका के पति को गिरफ्तार किया है, गिरफ्तार किया गया आरोपी और कोई नहीं बल्कि मृतक महिला मंजू शर्मा का पति और दो माह की मासूम का पिता रवि शर्मा निकला। आरोपी को हत्या का आईडिया फिल्मों और क्राइम पेट्रोल सीरियल को देखकर लिया और एक जघन्य हत्याकांड का ताना-बाना बुना। दुर्ग पुलिस के अनुसार घटना की जांच में पुलिस को पता चला कि मृतिका का पति रवि शर्मा राउरकेला ओडिशा में बढ़ई का काम करता है। उसने सुबह-सुबह सेक्टर 7 में रहने वाली अपनी सास को फोन किया था, पुलिस की सायबर टीम ने आरोपी के फोन कॉल का लोकेशन ट्रेस किया, जिसमें लोकेशन रायपुर स्टेशन का मिला, जिसके बाद पुलिस की एक टीम को राउरकेला के लिए रवाना कर दिया गया वहीं पुलिस द्वारा छत्तीसगढ़ और ओडिशा जीआरपी को आरोपी की फोटो और हुलिया की जानकारी दी। उधर जैसे ही आरोपी राउरकेला स्टेशन पहुंचा तो जीआरपी ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जिसे जीआरपी द्वारा दुर्ग पुलिस के हवाले कर दिया गया, आरोपी रवि शर्मा ने पूछताछ में अपना गुनाह कुबूल कर लिया। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह पहले से शादीशुदा है और बढ़ई का काम करता था। रायपुर में काम के दौरान मृतक मंजू शर्मा से उसकी जान पहचान हुई, दोनों की दोस्ती परवान चढ़ी और उन्होंने शादी कर लिया। मंजू पहले से शादीशुदा थी और उसने इसकी जानकारी रवि को पहले ही दे दी थी लेकिन आरोपी ने खुद के शादी शुदा और दो बच्चों का बाप होने की जानकारी उसे नहीं दी। शादी के बाद दोनों साथ रहने लगे, साथ रहने के दौरान घर के खर्चे की वजह से दोनों के बीच खटपट होने लगी। इधर घर के खर्चे के लिए रोज-रोज की खटपट से परेशान पत्नी ने आरोपी को आत्महत्या करने और उसे इसके इल्जाम में फंसाने की धमकी दी।
मंजू शर्मा के साथ लगातार विवाद होने की वजह से वह उससे छुटकारा पाकर वापस अपनी पहली पत्नी के साथ राउरकेला में नये जीवन की शुरूआत करना चाहता था, लेकिन मंजू शर्मा एवं उसकी नवजात बच्ची उसकी इस राह में रोड़ा बन रहे थे, इसलिए उसने इन दोनों को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। रवि शर्मा ने बालीवुड की फिल्मों एवं काईम पेट्रोल जैसे सीरियल से एक बहुत ही जघन्य अपराध करने के लिये फिल्मी योजना बनाई, जिससे मंजू एवं बच्ची को मारकर, स्वयं को मृत बताकर अपनी पत्नी एवं बच्चों के साथ जीवन बिताना चाहता था। इसके लिए उसने सर्वप्रथम नींद की गोलियां खरीदी, चूंकि रवि शर्मा स्वयं को मृत साबित करना चाहता था इसलिये स्वयं से मिलते जुलते कदकाठी के व्यक्ति की आवश्यकता था। सिविक सेण्टर शराब भट्टी के पास उसकी यह तलाश पूरी हो गई, वहां से वह एक व्यक्ति को साथ में शराब पिलाने का लालच देकर अपने साथ घर ले गया, जहां शराब में नींद की गोलियां मिलाकर उसे शराब पिला दिया, जिससे वह बेसुध हो गया, वहीं पत्नी को बताया कि वह व्यक्ति उसका दोस्त है और उसकी शादी को लेकर ब्लैकमेल करने लगा कि जानकारी राउरकेला जाकर दे दूंगा। आरोपी ने बताया कि यह कहकर वह रोज शराब पिलाने बोलता है और पैसे की मांग करता है, इसे मारना जरूरी है, नहीं तो हम साथ में नहीं रह पायेंगे। यह कहकर उसने पत्नी के सामने ही शाम 7.00 बजे बेसुध पड़े उस व्यक्ति के मुंह और हाथ पैर बांधकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दिया, जिसके बाद रात्रि 11.00 बजे नींद की गोलियां पानी में मिलाकर पत्नी मंजू को भी पिला दिया। मंजू के बेसुध होने के बाद उसने उसका भी हाथ पैर बांधकर, मुंह में टेप चिपकाकर गला दबाकर हत्या कर दिया, यही नहीं आरोपी ने डेढ़ माह की बच्ची का भी गला दबाकर हत्या कर दिया। रवि शर्मा द्वारा अपनी फिल्मी कहानी को अमलीजामा पहनाने के लिये अपनी पहचान मृतक को देने के लिये मृतक के चेहरे एवं पूरे शरीर को गैस जलाने के लिये आग लगा दिया ताकि गैस सिलेण्डर ब्लास्ट हो जाए और मृतकों के संबंध में पुलिस को कोई जानकारी प्राप्त न हो सके और पुलिस मृतक को रवि शर्मा मानकर संजय देवांगन को तलाश करती रहे। जघन्य हत्या के बाद आरोपी रवि शर्मा अपनी एक्सेस स्कूटी से दुर्ग रेल्वे स्टेशन गया और रेल्वे स्टेशन में गाड़ी को छिपाकर ट्रेन में बैठकर राउरकेला फरार हो गया था।
यह है पूरा मामला
मंगलवार सुबह पुलिस को भिलाई के तालपुरी स्थित इंटरनेशनल कॉलोनी के एक फ्लैट के भीतर एक महिला, एक पुरूष सहित एक डेढ़ माह की बच्ची का शव पड़े होने की जानकारी मिली। कमरे के भीतर महिला एवं पुरूष की अधजली लाश हाथ पैर और चेहरा बंधे हालत में पड़े हुये थे, जबकि डेढ़ माह की बच्ची का शव मृतका के बगल में पड़ी थी, जबकि मृतक का शव का चेहरा गैस चुल्हे के उपर तथा पेट और पैर के पास जली हुयी स्थिति में पड़ा हुआ था। घटनास्थल पर अज्ञात हत्यारे ने लकड़ी के दरवाजे पर चाक से मृतका मंजू शर्मा, मृतक रवि शर्मा एवं उसकी बच्ची को रंजिश के चलते मार देना लिखा था तथा अपना नाम संजय देवांगन, आर्मी होना लिखा था।