नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर इंतजार और लंबा हो गया है। रविवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बीच होने वाली मीटिंग एक दिन और टल गई। अब ये मीटिंग सोमवार को होगी, इन दो नेताओं के बीच बैठक के बाद ही महाराष्ट्र की नई सरकार पर फैसला होगा। शिवसेना और कांग्रेस एनसीपी के सहयोग से बनने जा रही इस सरकार के बारे में अभी सिर्फ अटकलें लगाई जा रही हैं, तीनों दलों की ओर से कहा जा रहा है कि वह एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाएंगे, इसके बाद सरकार बनाएंगे। शिवसेना ने कहा है कि मुख्यमंत्री उनकी ही पार्टी का होगा, हालांकि शरद पवार ने इस पर अपने पत्ते पूरी तरह नहीं खोले हैं। एक फॉर्मूला दो डिप्टी सीएम का भी सामने आ रहा है, जिसे एनसीपी और कांग्रेस को दिया जा सकता है, हालांकि इस बीच बीजेपी ने भी सरकार के बारे में अपनी दावेदारी पेश कर हलचल पैदा कर दी है। दिल्ली में शरद पवार और सोनिया गांधी के बीच होने वाली मीटिंग में नई सरकार के गठन के बारे में अंतिम मुहर लग सकती है। सूत्रों के अनुसार, तीनों पार्टियों के बीच में बंटने वाले मंत्रालय के बारे में ड्राफ्ट किया जा चुका है, इस पर भी इस मीटिंग में बात हो सकती है। महाराष्ट्र में 12 नवंबर को सरकार नहीं बनने के बाद राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद के मुद्दे को लेकर बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन टूट गया था, इसके बाद शिवसेना अब कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रही है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इस समय बीजेपी के पास 105 विधायक हैं, शिवसेना के 56 विधायक जीतक कर आए हैं, वहीं एनसीपी के 54 विधायक चुने गए हैं, चुनावों में कांग्रेस चौथे नंबर पर रही थी, उसके 44 विधायक जीतकर आए थे।