नई दिल्ली । अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आगे बढ़ते हुए केंद्र सरकार ने राम मंदिर ट्रस्ट के गठन की तैयारियां शुरू कर दी हैं। खबर है कि संसद के शीतकालीन सत्र में राम मंदिर ट्रस्ट पर बिल लाया जाएगा, इसमें ट्रस्ट की शक्तियों और अधिकारों का जिक्र होगा। यह भी बताया जाएगा कि ट्रस्ट में किन-किन लोगों को शामिल किया जाएगा। बताया जा रहा है कि ट्रस्ट में रामजन्मभूमि न्यास के साथ ही निमोर्ही अखाड़े को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। साथ ही किसी रिटायर जज को अध्यक्षता सौंपी जा सकती है। इस बीच, विहिप ने कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राम मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिए। विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि हमें लगता है कि गृह मंत्री शाह और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी इस ट्रस्ट में शामिल करना चाहिए। राम मंदिर ट्रस्ट का गठन सोमनाथ ट्रस्ट की तर्ज पर होना चाहिए। इससे पहले राम जन्मभूमि न्यास के प्रमुख महंत नृत्य गोपालदास ने बुधवार को कहा कि राम मंदिर के लिए सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नया ट्रस्ट बनाने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह राम जन्मभूमि न्यास के रूप में पहले से मौजूद है। राम जन्मभूमि न्यास विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा संचालित एक संगठन है। महंत नृत्य गोपालदास ने अपने बयान में कहा कि नया ट्रस्ट बनाने की बजाए राम जन्मभूमि न्यास को ही नया रूप दिया जा सकता है और जरूरत के मुताबिक इसमें नए सदस्य बनाए जा सकते हैं। लेकिन राम मंदिर आंदोलन से जुड़े अन्य संत ट्रस्ट की स्थापना को लेकर अलग राय रखते हैं। दिगंबर अखाड़ा के प्रमुख महंत सुरेश दास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि नया ट्रस्ट सरकार द्वारा बनाया जाना है। ट्रस्ट बनाने की जिम्मेदारी सरकार की है, न कि राम जन्मभूमि न्यास की। लेकिन इस न्यास के प्रतिनिधि नए ट्रस्ट में शामिल किए जाने चाहिए। निमोेही अखाड़ा के प्रमुख महंत दिनेंद्र दास ने कहा कि कोर्ट के आदेशानुसार ही ट्रस्ट बनाया जाना चाहिए, उन्होंने कहा कि निमोर्ही अखाड़ा भी एक ट्रस्ट है और इसके सदस्य तय करेंगे कि सरकार के ट्रस्ट में शामिल होना है या नहीं। कोर्ट में रामलला विराजमान का प्रतिनिधित्व करने वाले विहिप के त्रिलोकीनाथ पांडेय ने कहा कि ट्रस्ट सरकार को ही बनाना चाहिए और इसमें सरकार के सदस्य भी होना चाहिए। उन्होंने मांग की कि ट्रस्ट का चेयरमैन महंत नृत्य गोपाल दास को बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण विहिप के प्रस्तावित मॉडल के अनुसार होना चाहिए।