नई दिल्ली। अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों ने 5-0 यानी सर्वसम्मति से फैसला लिखा है। कोर्ट ने सबसे पहले शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अगले 30 मिनट में पूरा फैसला सुनाया जाएगा। चीफ जस्टिस ने कहा कि मीर बाकी ने बाबर के वक्त बाबरी मस्जिद बनवाई थी। 1949 में दो मूर्तियां रखी गईं। ढांचे के नीचे मंदिर के सबूत मिले। खुदाई के सबूतों को अनदेखा नहीं कर सकते। बाबरी मस्जिद को गैर-इस्लामिक ढांचे पर बनाया गया। बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी। पुरातत्व विभाग (ASI) की रिपोर्ट से साबित होता है कि मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी। ASI की रिपोर्ट को खारिज नहीं किया जा सकता। खुदाई में इस्लामिक ढांचे के सबूत नहीं मिले। अंग्रेजों के आने से पहले राम चबूतरे की पूजा हिंदू करते थे। कोर्ट ने रामलला विराजमान को कानूनी मान्यता दी। हिंदुओं की ये आस्था कि श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ है, इस पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि 1885 से पहले राम चबूतरे पर हिंदुओं का अधिकार था। अहाते और चबूतरे पर हिंदुओं का अधिकार साबित होता है। 18वीं सदी तक नमाज पढ़े जाने के सबूत नहीं हैं। सीता रसोई की भी पूजा अंग्रेजों के आने से पहले हिंदू करते थे।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटने का जो फैसला दिया वो तार्किक नहीं था। कोर्ट ने मुस्लिमों को दूसरी जगह जमीन देने का आदेश दिया। जमीन का बंटवारा नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार तीन महीने में मंदिर निर्माण के लिए योजना बनाए।