मुंबई। विधानसभा चुनाव परिणाम आने के 13 दिन बाद भी महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। भाजपा-शिवसेना के बीच खींचतान और बयानबाजी और तेज हो गई हैं। मंगलवार को एक बार फिर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री सिर्फ शिवसेना का होगा। बीते 5 दिनों में राउत ने दूसरी बार शिवसेना का ही मुख्यमंत्री होने की बात दोहराई है। उन्होने यह दावा किया कि उनके पास 171 विधायकों का समर्थन है और यह संख्या 175 हो सकती है। उधर, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के सलाहकार किशोर तिवारी ने राज्य में सरकार गठन को लेकर चले रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए संघ प्रमुख प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने संघ प्रमुख से आग्रह किया है कि वे सरकार गठन को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मध्यस्थता कराएं, ताकि भाजपा और शिवसेना के बीच जारी विवाद का सहमति से हल निकल सके। सियासी गलियारे में चर्चा है कि शिवसेना और राकांपा मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं, इसमें निर्दलीय 8 विधायक भी शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस इन्हें बाहर से समर्थन कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, राकांपा के एक विधायक ने दावा किया है कि राकांपा शिवसेना के साथ सरकार बनाने की इच्छुक है। हालांकि, इस बारे में आधिकारिक तौर पर किसी नेता का कोई बयान नहीं आया है। राकांपा विधायक के मुताबिक कि हमने भाजपा-शिवसेना के बीच 1995 वाला फॉर्मूला आगे रखा है। तब मुख्यमंत्री पद शिवसेना के पास था जबकि उपमुख्यमंत्री का पद भाजपा के पास था। इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत और राकांपा प्रमुख शरद पवार के साथ हुई मुलाकात से भी अटकलों का बाजार गर्म हो गया था।