मुंबई। महाराष्ट्र के सत्ता संघर्ष में दिग्गज पार्टियों की बयानबाजी का दौर जारी है। कल तक विपक्ष में बैठने की बात कहने वाली एनसीपी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि यदि शिवसेना भाजपा के बगैर सरकार बनाने की पहल करती है तो वह इस मामले में सकारात्मक रुख अपनाएगी। एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि अगर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी जनहित में कोई फैसला लेती है तो उनकी पार्टी विचार करेगी। एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने एक के बाद एक कई ट्वीट किये और कहा कि सरकार बनाने की कोई भी पहल शिवसेना की ओर से होना चाहिए। नवाब मलिक ने यह बात महाराष्ट्र में सरकार न बनने की स्थिति में राष्ट्रपति शासन लागू होने की भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार के बयान के बाद कही है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में लोकतांत्रिक सरकार बनाने में मदद करेगी। हम राष्ट्रपति शासन के जरिए लोकतंत्र का गला नहीं घोंटने देंगे। एनसीपी वैकल्पिक सरकार के लिए तैयार हैं। अब इस मामले में शिवसेना और दूसरे दलों को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। इससे पहले महाराष्ट्र सरकार में वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि यदि राज्य में सात नवंबर तक नई सरकार का गठन नहीं होता है तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है। इस पर पलटवार करते हुए शिवसेना ने कहा था कि भाजपा द्वारा राष्ट्रपति या राज्यपाल के कार्यालय का दुरुपयोग करने का कोई भी प्रयास लोकतंत्र के लिए खतरे से कम नहीं है। गौरतलब है भाजपा-शिवसेना युति में शिवसेना 50-50 के फार्मूले पर अड़ी हुई है।